हिन्दी विषय के अन्तर्गत रोलप्ले करते बच्चे
☃☃किन्नौरदेश की ओर☃☃
बच्चों को सबसे पहले मन में उनके द्वारा की गयी किसी भी यात्रा के बारे में सोचनें के लिए कहा गया इसके उपरान्त उनसे पूँछते हुए दादी, नानी, मौसी,बुआ के यहाँ जानें वाले बच्चों को ऐक तरफ तथा घूमने, दर्शन करनें वाले बच्चों को एक तरफ बैठाया गया इस प्रकार बच्चों को दो ग्रुपों में बैठाकर मेरे द्वारा बारी-बारी से यात्रा में प्रयोग होनें वाले साधनों का नाम बोला गया तथा मेरे नाम बोलनें पर जो बच्चे उस साधन का प्रयोग किये हैं वे बच्चे हाँथ ऊपरकरेंगे इसके उपरान्त बच्चोंनें रोलप्ले करके पूरे पाठ को बडी़ आसानी से समझा तथा इसके उपरान्त मेरे द्वारा भी समझाया गया तदोपरान्त ग्रिड गेम के तहत मेरे द्वारा कागज पर एक चक्र बनाकर उसको छ: भागो में बाॅठकर क्रमश: 1, 2, 3 इत्यादि 6 तक नम्बर लिख दिया तथा प्रत्येक नम्बर पर एक पाठ से सम्बन्धित प्रश्न लिखकर जमीन पर रख दिया इसके उपरान्त चाकके छोटे टुकडे़ को आॅख बन्द कर किसी एक नम्बर पर बच्चे को रखना पड़ता था तथाबाद में उसनम्बर पर लिखे प्रश्न को बताना पड़ता था यदि नहीं बता पाता थो बाहर हो जाता था इसके उपरान्त गृहकार्य के अन्दर पूरे रोलप्ले को लिखकर तथा पूरा पाठ किताब से पढकर पुनः आनें के लिए कहा गया तथा इस पाठ के अन्तर्गत बच्चे भविष्य सृजन के रूप में अपनें जीवन में किसी भी यात्रा का विवरण पूरी तरह से लिखकर तथा अभिव्यक्त कर सकेंगे तथा दूसरे के सामनें पूरा विवरण बतानें में सक्षम हो सकेंगें
साभार
हरीओमसिंह(प्र०अ०)
प्रा०वि०-पेरई, नेवादा-कौशाम्बी
📝आईपी पेरई, नेवादा-कौशाम्बी
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