*रंग विरंगी उडी पतंगें*
🌹(कविता नं-24)🌹
🔖रंग बिरंगी उडी़ पतंगें 🔖
रंग बिरंगी उडी़ पतंगे।
करतब खूब दिखाती हैं।
आसमान में चिड़ियों जैसे।
फर-फर फिर उड़जाती हैं।
रह जाते सब देख पतंगें।
करतब खूब दिखाती हैं।
हाँथ में देकर डो़र किसी के।
ऊपर फिर उड़जाती हैं।
हवा में करती बात पतंगें।
बच्चों का मन बहलाती हैं।
ऊपर उड़ती फर-फर करके।
करतब खूब दिखाती हैं।
एक दूजे से मिली पतंगें ।
आपस में कट जाती हैं।
हँस-हँस करके फिर बच्चे।
खूब मजे ओ करते हैं।
उड़-उड़ ऊपर जा के पतंगें ।
बच्चों से ये कहती हैं।
ऊपर उठकर ऊँचाई छूनेको।
संदेशा दे जाती हैं।।
रचना
हरीओमसिंह(प्र०अ०)
प्रा०वि०-पेरई, नेवादा-कौशाम्बी
🔖🔖🔖🔖🔖🔖🔖🔖
📝विचारशक्ति प्रा० वि०-पेरई, नेवादा-कौशाम्बी
🔖🔖🔖🔖🔖🔖🔖🔖
Comments
Post a Comment